Khankegi Tere Pairon Me (Mere Gaon Aaoge 2) is a song in Hindi
खनकेगी तेरे पैरों में जंजीर जब-जब
खनकेगी तेरे पैरों में जंजीर जब-जब
तुझे याद आएगा राहगीर तब-तब
तेरे कल को चुभेंगे आज के तीर जब-जब
तेरे कल को चुभेंगे आज के तीर जब-जब
तुझे याद आएगा राहगीर तब-तब
खनकेगी तेरे पैरों में
आएगी गली से सारंगी की आवाज़ तो
तू चल के नहीं जाएगी उधर, खींची जाएगी
वहाँ बच्चे नाच रहे होंगे मस्त मलंग उस के चारों ओर
होंठ काँप जाएँगे, मुट्ठियाँ भींची जाएँगी
वो आगे बढ़ जाएगा गाता
किसी से माँगेगा कुछ भी नहीं
तुम पूछोगे, “कुछ चाहिए क्या
वो चाहेगा कुछ भी नहीं
ये वक़्त किसी का सगा ही नहीं
ये वक़्त किसी का सगा ही नहीं, चलता है, चलता जाएगा
ये हुस्न किसी का रुका ही नहीं
ये हुस्न किसी का रुका ही नहीं, ढलता है, ढलता जाएगा
ओ, जिस पेड़ ने सावन ठुकराया
जिस पेड़ ने सावन ठुकराया, वो पेड़ जलता जाएगा
सब जान के भी कोसोगे तक़दीर जब-जब
सब जान के भी कोसोगे तक़दीर जब-जब
तुझे याद आएगा राहगीर तब-तब
खनकेगी तेरे पैरों में
घर भरा होगा महँगे सामान से, शीशे दागी नहीं होंगे
अरे, बच्चे भी तमीज़दार होंगे, बाग़ी नहीं होंगे
वक़्त पे खाना मिलेगा, वक़्त पे सब काम होंगे
सजे-सँवरे लोग होंगे, रंग-बिरंगे जाम होंगे
पर एक रात नींद खुलेगी, कोई एक-दो बजे
तुम उठोगी, बिना आहट के खिड़की पे जाओगी
एकदम से लगेगा कि कुछ कमी सी है कहीं
तुम ज़ुल्फ़ें खोलोगी तो वहाँ नहीं गिरेंगी जहाँ तुम चाहोगी
ओ, जब देर रात को टहलने को
जब देर रात को टहलने को दिल तुम्हारा चाहेगा
“हो, बड़ी देर हो गई है,” कह के
“बड़ी देर हो गई है,” कह के कोई अंदर ले जाएगा
ओ, फिर दूर कहीं कोई छत पर
“लग जा गले,” चलाएगा
बिना ज़ख़म ही दुखेगा शरीर जब-जब
बिना ज़ख़म ही दुखेगा शरीर जब-जब
तुझे याद आएगा राहगीर तब-तब
खनकेगी तेरे पैरों में जंजीर जब-जब
तुझे याद आएगा राहगीर तब-तब
खनकेगी तेरे पैरों में
मैं वो पायल जिसे उसने पहना तो था
फ़िर उतार कर कहा कि कोई और दिखाओ
दुकानदार ने दो-चार बार कहा तो था
कि मैडम ये चीज़ नहीं मिलेगी, बाज़ार घूम आओ