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Durga Amrit Bhakti lyrics

Performer Anuradha Paudwal

Durga Amrit Bhakti song lyrics by Anuradha Paudwal official

Durga Amrit Bhakti is a song in Hindi

सुबह शाम दिन रात जपूं, अम्बे तेरा नाम
तेरी कृपा से हो जाए, पूर्ण सारे काम

मां की ममता का नही, जग में कोई मोल
मैया जी के प्यार की, कभी ना टूटे डोर

जग जननी के द्वार से, कोई न जाय खाली
दीन दुखी सब भक्तों की, झोली भरने वाली

तीन लोक चौदह भुवन की जगदम्बे महारानी
विद्या बुद्धि शक्ति सुख, संपति की वरदानी

भक्तो पर जब जब आई, बड़ी मुसीबत भारी
सारे संकट हरने को, आई शेरावाली

भक्त हंसे मैया हंसे, भक्तों के दुख में रोय
सारे कांटे फूल बने अम्बे की कृपा जो होय

दुर्गा सप्तशती का पाठ, मन से करे जो कोय
मात भवानी कृपा करें, पूर्ण मनोरथ होय

लाज रखो जगदंबिके, रक्षा करो हमारी
सत्य नाम एक मां तेरा, झूठी दुनिया सारी

सिर सोने का छत्र विराजे , मांग सिंदूर और टीका साजे
लाल चुनरिया ओढ़ने वाली, पैरों में माहवर की लाली

हाथ कमल त्रिशूल और खप्पर, खड्ग पाश धर चढ़े सिंह पर
गदा चक्र और वरमुद्रा है, अष्टभुजा वाली माता है

ऊंचे पर्वत रहने वाली, सबकी भरती झोली खाली
गुफा विराजे वैष्णव देवी, भैरवनाथ सदा हैं सेवी

नैनो से करुणा बहती है, मंद मंद मैया हंसती हैं
भक्त लगाए जयजयकारा, जय माता दी बोलें नारा

जिन आंखों से जग है रोशन, जिन के क्रोध से कांपे दुर्जन
वही मीनाक्षी जग मनमोहिनी, वही चंडी महिषासुरमर्दिनी

देव ऋषि सब द्वार तिहारे, मैया तेरा नाम पुकारे
जगदम्बे मां कष्ट निवारे, रत्कबीज मधु कैटभ मारे

महिषासुर था दैत्य भयंकर, मारा मां ने सिंह पे चढ़कर
चंड मुंड की बलि चढ़ाई, देवो ने जयकार लगाई

बेटी पत्नी मां और बहना, देवी मां के रूप मानना
हर नारी दुर्गे की शक्ति, मान करे जो पाए मुक्ति

बावन शक्तिपीठ हैं, चौसठ योगिनी रूप
लक्ष्मी काली सरस्वती, दुर्गा मां के स्वरूप

नवरात्रि के नौ दिन आएं, कन्या पूजन सभी कराएं
करते पूजा जो घट रखकर, मां आए नवदुर्गा बन कर

शैलपुत्री मां हैं अति प्यारी, श्वेत बैल पर करें सवारी
ब्रह्मचारिणी जीवन देती, हाथ कमंडल माला रखती

चंद्रघंटा सिंह पर साजे, सिर के ऊपर चंद्र विराजे
कूष्माण्डा का रूप है सुंदर, सारी दुनिया जिनके अंदर

कार्तिकेय की मां स्कंदमाता, सुख संपति संतान की दाता
कात्यायनी जग पालन करती, दुष्टों का संहार हैं करती

कालरात्रि है महाकाली, भय संकट सब हरने वाली
नंदी पर बैठी महागौरी, सिद्धि दायिनी सिद्धिदात्री

नवदुर्गा के शाम सुबह, नाम जपे जो कोय
सारे संकट टल जाएं मंगल ही मंगल होए
Lyrics copyright : legal lyrics licensed by Lyricfind.
No unauthorized reproduction of lyric.

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