song lyrics / Himanshi Bokadiya / Mantra Jaap 2.0 lyrics  | FRen Français

Mantra Jaap 2.0 lyrics

Performer Himanshi Bokadiya

Mantra Jaap 2.0 song lyrics by Himanshi Bokadiya official

Mantra Jaap 2.0 is a song in Hindi

(Chorus)
माथे मारे मल्लिनाथ, काने मारे कुंथुनाथ,
नाके मारे नेमिनाथ, आँखे मारे अरनाथ,
शाता करे शांतिनाथ, पार उतारे पार्श्वनाथ,
हिवड़े मारे आदिनाथ, ऐ कोइने न धाले धात आहार शरीर ने उपादि,
पच्चकखु पाप अढार, मरण आवे तो वोसिरे, जीवु तो आगार

(Verse 1)
प्रभु तेरे नाम का जाप करते हैं हम,
भवसागर से पार उतारते हैं हम।
तेरे ध्यान में मन लगाए हम,
धरती पर धर्म की रक्षा करते हैं हम।

(Chorus)
माथे मारे मल्लिनाथ, काने मारे कुंथुनाथ,
नाके मारे नेमिनाथ, आँखे मारे अरनाथ,
शाता करे शांतिनाथ, पार उतारे पार्श्वनाथ,
हिवड़े मारे आदिनाथ, ऐ कोइने न धाले धात आहार शरीर ने उपादि,
पच्चकखु पाप अढार, मरण आवे तो वोसिरे, जीवु तो आगार

(Verse 2)
हे प्रभु, तेरी शरण में आए हैं हम,
तेरे ध्यान में ही जीवन बिताए हैं हम।
जीवन की पावन धारा में बहते हैं हम,
धरती को स्वर्ग बनाने का सपना देखते हैं हम।

(Chorus)
माथे मारे मल्लिनाथ, काने मारे कुंथुनाथ,
नाके मारे नेमिनाथ, आँखे मारे अरनाथ,
शाता करे शांतिनाथ, पार उतारे पार्श्वनाथ,
हिवड़े मारे आदिनाथ, ऐ कोइने न धाले धात आहार शरीर ने उपादि,
पच्चकखु पाप अढार, मरण आवे तो वोसिरे, जीवु तो आगार
Lyrics copyright : legal lyrics licensed by Lyricfind.
No unauthorized reproduction of lyric.

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