Bhool Jana Tha To Phir song lyrics by Anup Jalota official
Bhool Jana Tha To Phir is a song in Hindi
मैने पुचछा था एक सितारें से
मैने पुचछा था एक सितारें से
इम्तिहान भी सफ़र की हैं कोई
सुन के मेरे सवाल को सबनम
रात भर फुट फूटकर रोई
भूल जाना था तो फिर
भूल जाना था तो फिर
अपना बनाया क्यूँ था
भूल जाना था तो फिर
अपना बनाया क्यूँ था
तुमने उलफत का यकीन
मुझको दिलाया क्यूँ था
भूल जाना था तो फिर
अपना बनाया क्यूँ था
तुमने उलफत का यकीन
मुझको दिलाया क्यूँ था
भूल जाना था
एक भटके हुए राही को सहारा देकर
एक भटके हुए राही को सहारा देकर
जुटी मंज़िल का
जुटी मंज़िल का निशान
तुमने दिखाया क्यूँ था
जुटी मंज़िल का निशान
तुमने दिखाया क्यूँ था
तुमने उलफत का यकीन
मुझको दिलाया क्यूँ था
भूल जाना था तो फिर
अपना बनाया क्यूँ था
खुद ही तूफान उठना था
मोहब्बत में अगर
खुद ही तूफान उठना था
मोहब्बत में अगर
डूबने से डूबने से डूबने से
डूबने से मेरी कश्ती को
बचाया क्यूँ था
डूबने से मेरी कश्ती को
बचाया क्यूँ था
तुमने उलफत का यकीन
मुझको दिलाया क्यूँ था
भूल जाना था तो फिर
अपना बनाया क्यूँ था
जिसकी ताबिर..जिसकी ताबिर..
जिसकी ताबिर अब ाश्क़ो से
शिवा कुछ भी नहीं
जिसकी ताबिर अब ाश्क़ो से
शिवा कुछ भी नहीं
ख्वाब ऐसा ख्वाब ऐसा
मेरी आँखों को
दिखाया क्यूँ था
ख्वाब ऐसा मेरी आँखों को
दिखाया क्यूँ था
तुमने उलफत का यकीन
मुझको दिलाया क्यूँ था
भूल जाना था
अपने अंजाम से
अपने अंजाम से
अपने अंजाम से
अब क्यूँ हो पासीमान सबा
अपने अंजाम से
अब क्यूँ हो पासीमान सबा
एक बेदर्द से
एक बेदर्द से
दिल तुमने लगाया क्यूँ था
एक बेदर्द से
दिल तुमने लगाया क्यूँ था
तुमने उलफत का यकीन
मुझको दिलाया क्यूँ था
भूल जाना था तो फिर
अपना बनाया क्यूँ था
भूल जाना था तो फिर
अपना बनाया क्यूँ था
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