paroles de chanson / मोहम्मद रफ़ी parole / Ek Tha Gul Aur Ek Thi Bulbul lyrics  | ENin English

Paroles de Ek Tha Gul Aur Ek Thi Bulbul

Interprètes मोहम्मद रफ़ीNanda

Paroles de la chanson Ek Tha Gul Aur Ek Thi Bulbul par मोहम्मद रफ़ी lyrics officiel

Ek Tha Gul Aur Ek Thi Bulbul est une chanson en Hindi

एक था गुल और एक थी बुलबुल
एक था गुल और एक थी बुलबुल
दोनो चमन मे रहते थे
है ये कहानी बिलकुल सच्ची
मेरे नाना कहते थे
एक था गुल और एक थी बुलबुल

बुलबुल कुच्छ ऐसे गाती थी
ऐसे गाती थी ऐसे गाती थी

कैसे गाती थी

बुलबुल कुच्छ ऐसे गति थी
जैसे तुम बाते करती हो (हम हम)
वो गुल ऐसे शरमाता था
ऐसे शरमाता था ऐसे शरमाता था

कैसे शरमाता था

वो गुल ऐसे शरमाता था
जैसे में घबरा जाता हू
बुलबुल को मालूम नही था (हा हा हा)
गुल ऐसे क्यो शरमाता था
वो क्या जाने उसका नगमा
गुल के दिल को धड़काता था
दिल के भेद ना आते लब पे
ये दिल मे ही रहते थे
एक था गुल और एक थी बुलबुल

फिर क्या हुआ

लेकिन आख़िर दिल की बाते
ऐसे कितने दिन छुपती है
ये वो कलिया है जो इक दिन
बस काँटे बनके चुभती है
इक दिन जान लिया बुलबुल ने
वो गुल उसका दीवाना है
तुमको पसंद आया हो तो बोलो
फिर आगे जो अफ़साना है

हम्म बोलो न चुप क्यों हो गए

इक दूजे का हो जाने पर
वो दोनो मजबूर हुए
उन दोनो के प्यार के किस्से
गुलशन मे मशहूर हुए
साथ जियेंगे साथ मरेंगे
वो दोनो ये कहते थे
एक था गुल और एक थी बुलबुल

फिर क्या हुआ

फिर इक दिन की बात सुनाऊ
इक सैय्याद चमन मे आया
ले गये वो बुलबुल को पकड़के
और दीवाना गुल मुरझाया
और दीवाना गुल मुरझाया
शायर लोग बयां करते है
ऐसे उनकी जुदाई की बाते
गाते थे ये गीत वो दोनो
सैयां बिना नही कटती रातें
सैयां बिना नही कटती रातें (हाय)
मस्त बहारो का मौसम था
आँख से आँसू बहते थे
एक था गुल और एक थी बुलबुल

आती थी आवाज़ हमेशा
ये झिलमिल झिलमिल तारों से
जिसका नाम मुहब्बत है वो
कब रुकती है दीवारो से
इक दिन आह गुल-ओ-बुलबुल की
उस पिंजरे से जा टकराई
टूटा पिंजरा छूटा कैदी
देता रहा सय्यद दुहाई
रोक सके ना उसको मिलके
सारा ज़माना सारी खुदाई
गुल साजन को गीत सुनाने
बुलबुल बागों मे वापस आए

राजा बहुत अच्छी कहानी है

याद सदा रखना ये कहानी
चाहे जीना चाहे मरना
तुम भी किसी से प्यार करो तो
प्यार गुल-ओ-बुलबुल सा करना
प्यार गुल-ओ-बुलबुल सा करना
प्यार गुल-ओ-बुलबुल सा करना
प्यार गुल-ओ-बुलबुल सा करना
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Auteurs: ANAND BAKSHI, ANANDJI KALYANJI, ANANDJI V SHAH, ANANDSHI BAKSHI, KALYANJI VIRJI SHAH
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