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Chori Chori Makhan lyrics

Performer Swati Mishra

Chori Chori Makhan song lyrics by Swati Mishra official

Chori Chori Makhan is a song in Hindi

चोरी चोरी माखन खाते हैं
खाते है माखन खाते हैं
चोरी चोरी माखन खाते हैं
खाते है माखन खाते हैं
मैया की डांट भी पाते हैं
पाते है डांट ये पाते हैं
इनको किसी का डर नहीं
ये नारायण हैं नर नहीं
चोरी चोरी माखन खाते हैं
खाते है माखन खाते हैं
चोरी चोरी माखन खाते हैं
खाते है माखन खाते हैं

इक दिन लल्ला ने लिया
जो माटी खाय
गुस्से में मैया
हरि को डांट लगाय
इक दिन लल्ला ने लिया
जो माटी खाय
गुस्से में मैया
हरि को डांट लगाय
बोली खोलो मुख
हरि खोले मुख
देखा सारा जग
ब्रह्माण्ड सा
मैया तो डर के गिर गई
और बोली
ये नारायण हैं नर नहीं
चोरी चोरी माखन खाते हैं
खाते है माखन खाते हैं
चोरी चोरी माखन खाते हैं
खाते है माखन खाते हैं

नटखट चोर को
मैया ने सजा सुनाय
पर हरि को कोई रस्सी भी
बांध ना पाय
हो नटखट चोर को
मैया ने सजा सुनाय
पर हरि को कोई रस्सी भी
बांध ना पाय
लेके हरि का नाम
दिया हरि को बांध
गिरे सारे पेड़
चली आंधी तेज
लल्ला को कुछ भी हुआ नहीं
क्योकिं
ये नारायण हैं नर नहीं
चोरी चोरी माखन खाते हैं
खाते है माखन खाते हैं
मैया की डांट भी पाते हैं
पाते है डांट ये पाते हैं
चोरी चोरी माखन खाते हैं
खाते है माखन खाते हैं
चोरी चोरी माखन खाते हैं
खाते है माखन खाते हैं
Lyrics copyright : legal lyrics licensed by Lyricfind.
No unauthorized reproduction of lyric.

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