Rajdhani is a song in Hindi
Yeah check
राजधानी राजधानी
पैदा हुआ तुझसे
जिंदगी तुझमें बिता दी
घर पे माँ बहन पर जबान पे बहन की और माँ की
तेरी माँ का भोसड़ा
Forget me to say
राजधानी राजधानी
९६ के खट्टे पे हैं ले रहे समाधि
कुछ बच्चे जो चरम गरीबी और कूड़े से वाकिफ
एक कच्छड़े के पहाड़ में लोहा बीन ने से श्रापित
तो पकाके छूहे खाने में उन्हें शर्म नहीं आती
जब सताती भूख और पीने को मिले बस काला पानी
है ये बातें नि बनावटी मंगड़त इत्यादि
बुचड़खाना बन रहा है तो हड़ताल पे है माजी
यहाँ बदबू है जहरीली प्लास्टिक और कटे मांस की पर किसको पड़े फर्क, देख क्या
हालत की है जमना की
जमनपारी नसल तेरी अकल में नि आती तो तू घूम जितनी दिल्ली तू दिल्ली जाने ना आधी
राजधानी राजधानी
इन्क्वालाब है जिंदा तो अमर रहे सदा ही
वो जो हो चुके शहीद खाके गोली या फांसी
फ़क़्र से ताकि तू चख सके आज़ादी
पर तू बन चुकी है धर्म और राजनीति की जगीर
वहाँ पे चलती नि मोहब्बत जहा पे चलती है लाठी
मरते हिंदू मरते मुसलमान मरती तेरी संतान ही
पर तेरको पड़े नि फर्क तू खाती नमक है सरकारी
हैना
राजधानी राजधानी
मै बोलु सच तो कह देगी मुझको
आतंकवादी
पर तू भरले चाहे जिसके मर्ज़ी कान
तुझको है प्रणाम
पर रहेगा इस जबान पे जय जवान और जय किसान
राजधानी राजधानी
१०० सवाल है लेकिन तेरपे है एक भी जवाब नहीं
पैदा हुआ तुझसे जिंदगी तुझमें बिता दी
सीखा जो भी सीखा है तुझसे
तो हू तेरे जितना ख़ूंख़ार भी
ओये कहाँ जारी?
हैं कहाँ जारी (यही है क्या)
मुझे जानती नी? क्या जानता नी? (जानता नी के)
यही है
ओये, ओये! वोही है वोही है पकड़ा उसे
ओये राजधानी ओये राजधानी!! (ओये, ओये, ओये)
ओये राजधानी ओये राजधानी!! (ओये राजधानी ओये राजधानी)
ओये राजधानी ओये राजधानी!! (पकड़ इसे पकड़ पकड़ पकड़)
ओये राजधानी ओये राजधानी!!
राजधानी राजधानी
बाप चाँदनी चौक से और माँ पहाड़ी
घूमा मेने काफ़ी फरीदाबाद से भिवानी
नैनी तक हैं रखे नाटे
पर ये गाड़ी रुकी वापस आकर
कहा
"कित है भाई"
राजधानी राजधानी
चाचा तुरकमान गेट की सुनाते थे कहानी
बस आता था यहा दादा से मिलने अब दादा यहा नहीं
तो सबने बेचा घर जैसे ही चिता जली वो
शानी गांड हैं सब
क्या परिवार हैं,fuck
मैं वापस आया दिल्ली लेकिन रिश्ते नाते सब ख़त्म अब
ना भरे ज़ख़्म मेरी बला से तो मारें सब
वूऊऊ
जल्दी मारें सब
एस हैं यार, छिल मार थोड़ा
काम फ़क ज़्यादा इंटेंस हो गया, माई बैड
वूऊऊ
राजधानी राजधानी
रिक्शा वाले भाइयों के साथ ही chill मारी
रोहिणी के आधे खोकों पे थी उधारी
तट्टी क्लबों में प्रमोटर था किसी से नि बिगाड़ी
सीखा गेम
धीरे धीरे कदम आगे बढ़े पता चला how to make it rain
जीते जैसे कदम आधे रखे था नि कोई भी लेवल पे भी सेम
ख़ुश हु मैंने, गुस्सा तेपा गानों में नि रखा, खुद ही तक ये पैन
तहरे हवा में तो लगे की दिल्ली दूर नहीं
अब दिल्ली दूर नहीं
राजधानी राजधानी
तूने जिंदगी दी दूसरी, दिल से हूँ अभारी
कितनी रातें छत तंप के लिखते हुए गुज़ारी
कितने बातें सोच कंप गया काग़ज़ तक नहीं उतारी, बेठे थे सातवी मंज़िल पे
जब तक हो जाती थी सुबह नहीं, पेट हैं भरा बस धुआ से धुए में कटी जवानी, बचपन
काटा उन्हें रोते देख दौलत ही थी बर्बादी
याद हैं भाई और मैं थे छोटे से लड़े जब खाना था नहीं
अब जब बेठे दोनो भाई साथ मांगवाते बस महंगी शराब ही खुश हैं कि
तीन हैं घर अभी भाइयों के शौक हैं नवाबी
यहां से गए जब हमारे लिए यहां थी जगह नहीं
निकले दिल्ली से पर अंदर से दिल्ली निकली नि ज़रा भी
राजधानी
ओये कहाँ जारी?
हैं कहाँ जारी (यही है क्या)
मुझे जानती नी? क्या जानता नी? (जानता नी के)
यही है
ओये, ओये! वोही है वोही है पकड़ा उसे
ओये राजधानी ओये राजधानी!! (ओये, ओये, ओये)
ओये राजधानी ओये राजधानी!! (ओये राजधानी ओये राजधानी)
ओये राजधानी ओये राजधानी!! (पकड़ इसे पकड़ पकड़ पकड़)
ओये राजधानी ओये राजधानी!!
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