Jurm Hai song lyrics by Satinder Sartaaj official
Jurm Hai is a song in Hindi
खूब-रूओं को कोई ये
इतलाह करदे कि अब
चश्म की तलवार से
यूं वार करना जुर्म है
गैरगैवाजिब है अहै दाओं से
ये सब दिल-दोज़ियां
इन लबों से शरबती
गुफ्तार करना जुर्म है
खूब-रूओं को कोई ये
इतलाह करदे कि अब
चश्म की तलवार से
यूं वार करना जुर्म है
गैरगैवाजिब है अहै दाओं से
ये सब दिल-दोज़ियां
इन लबों से शरबती
गुफ्तार करना जुर्म है
ये इरादे कोन से हैं?हैं
कैसे ये खलाक़ हैं?हैं
ये इरादे कोन से हैं?हैं
कैसे ये खलाक़ हैं?हैं
सितमज़दगी की कितारों
में खड़े ऊषाक हैं
फितरतन वादाफरोशी ही
अगर करनी है तो
पुख्तगी से इस क़दर
इक़रार करना जुर्म है
गैरगैवाजिब है अहै दाओं से
ये सब दिल-दोज़ियां
इन लबों से शरबती
गुफ्तार करना जुर्म है
एहतियातन राब्ता करीए
गुज़ारिश है ज़रा
उस खुदा खु से कम-से-कम
डरीए गुज़ारिश है ज़रा
एहतियातन राब्ता करीए
गुज़ारिश है ज़रा
उस खुदा खु से कम-से-कम
डरीए गुज़ारिश है ज़रा
एक हो सकते नहीं ′गर
दिल तो फिर ज़ाहिर है कि
बस शरारत से निगाहें
चार करना जुर्म है
गैरगैवाजिब है अहै दाओं से
ये सब दिल-दोज़ियां
इन लबों से शरबती
गुफ्तार करना जुर्म है
जो मरासिम में मोहब्बत
की महक बरसाएंगे
कशमकश होगी तो
वो एहसास मारे जाएंगे
जो मरासिम में मोहब्बत
की महक बरसाएंगे
कशमकश होगी तो
वो एहसास मारे जाएंगे
तल्ख़ मौसम, सुर्ख़ जज़्बे
को मुआफिक ही नहीं
तल्ख़ मौसम, सुर्ख़ जज़्बे
को मुआफिक ही नहीं
देखिए ऐसे गुलों को
खार करना जुर्म है
गैरगैवाजिब है अहै दाओं से
ये सब दिल-दोज़ियां
इन लबों से शरबती
गुफ्तार करना जुर्म है
जानते हैं फिर कोई
इमदाद हो ना पायेगी
जानते हैं फिर कोई
इमदाद हो ना पायेगी
हिज़र से विरान रूह
आबाद हो ना पायेगी
गैर-गै मुमकिन है अगर है
तीमारदारी आप से
इश्क से Sartaaj फिर
बीमार करना जुर्म है
खूब-रूओं को कोई ये
इतलाह करदे कि अब
चश्म की तलवार से
यूं वार करना जुर्म है
गैरगैवाजिब है अहै दाओं स
ये सब दिल-दोज़ियां
इन लबों से शरबती
गुफ्तार करना जुर्म है
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