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Giri Giri lyrics

Performer Sanjay Dutt

Giri Giri song lyrics by Sanjay Dutt official

Giri Giri is a song in Hindi

गिरी गिरी गिरी रे बीजूरिया
पड़ी जहाँ पड़ी रे नज़रिया
कर दू हाक जला के राख मिटा दु चाहूं तो दुनिया
गिरी गिरी गिरी रे बीजूरिया
पड़ी जहाँ पड़ी रे नज़रिया
कर दू हाक जला के राख मिटा दु चाहूं तो दुनिया (हां हां हा)

कोयले का दिल है शोले है आँखें
चैन से ना सोता हूँ दुनिया जला के
हे कोयले का दिल है शोले है आँखें
चैन से ना सोता हूँ दुनिया जला के
ख्वाबों में ख़यालों में तबाही है
कर दू ख़तम जला के भस्म हर सपनो की नगरिया
गिरी गिरी गिरी रे बीजूरिया
पड़ी जहाँ पड़ी रे नज़रिया
कर दू हाक जला के राख मिटा दु चाहूं तो दुनिया
गिरी गिरी गिरी रे बीजूरिया
पड़ी जहाँ पड़ी रे नज़रिया
कर दू हाक जला के राख मिटा दु चाहूं तो दुनिया (हां हां हा)

सामने जो आ गया बंद उसकी साँस है
चढ़ गया नशा अगर बस लहू की प्यास है हा हा
हां सामने जो आ गया बंद उसकी साँस है
चढ़ गया नशा अगर बस लहू की प्यास है
ना कोई बचेगा मेरे हाथों से
मुझे हर वक़्त चाहिए रक्त बड़ा हूँ सख़्त मैं भैया
गिरी गिरी गिरी रे बीजूरिया
पड़ी जहाँ पड़ी रे नज़रिया
कर दू हाक जला के राख मिटा दु चाहूं तो दुनिया
गिरी गिरी गिरी रे बीजूरिया
पड़ी जहाँ पड़ी रे नज़रिया
कर दू हाक जला के राख मिटा दु चाहूं तो दुनिया (हां हां हा)
Lyrics copyright : legal lyrics licensed by Lyricfind.
No unauthorized reproduction of lyric.
Writers: Shekhar Ravjiani, Vishal Dadlani
Copyright: Royalty Network

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