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Is Ghar Men Koi Deewar Nahin lyrics

Performer Mahendra Kapoor

Is Ghar Men Koi Deewar Nahin song lyrics by Mahendra Kapoor official

Is Ghar Men Koi Deewar Nahin is a song in Hindi

नफरत अंदर आ नहीं सकती
बहार प्रेम का पहरा है
सारी दुनिआ से सुन्दर
मेरा संसार सुनहरा है

इस घर में कोई दीवार नहीं
इस घर में कोई दीवार नहीं
हम एक है
हम एक है भाई चार नहीं
इस घर में कोई दीवार नहीं
इस घर में कोई दीवार नहीं

आ आ आ आ आ आ

ऊँचे पर्वत के पाव में
पीपल की ठंडी छाँव में
ऊँचे पर्वत के पाव में
पीपल की ठंडी छाँव में
सब कहते है इस गांव में
हमसा कोई परिवार नहीं
इस घर में कोई दीवार नहीं
इस घर में कोई दीवार नहीं

आ आ आ आ आ आ

कहते है खेत ये सरसो के
ये रिश्ते नहीं कल परसो के
कहते है खेत ये सरसो के
ये रिश्ते नहीं कल परसो के
हम सब साथी है बरसो के
ये चार दिनों का प्यार नहीं
इस घर में कोई दीवार नहीं
इस घर में कोई दीवार नहीं
हम एक है
हम एक है भाई चार नहीं
इस घर में कोई दीवार नहीं

आ आ आ आ आ आ

ये अपना बाग़ बगीचा है
पत्थर से पानी खींचा है
ये अपना बाग़ बगीचा है
पत्थर से पानी खींचा है
फूलो को लहू से सींचा है
ऐसा कोई गुलजार नहीं
इस घर में कोई दीवार नहीं
इस घर में कोई दीवार नहीं
हम एक है
हम एक है भाई चार नहीं
इस घर में कोई दीवार नहीं
Lyrics copyright : legal lyrics licensed by Lyricfind.
No unauthorized reproduction of lyric.

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