song lyrics / Ghulam Ali / Qissa E Mehro Wafaa lyrics  | FRen Français

Qissa E Mehro Wafaa lyrics

Performer Ghulam Ali

Qissa E Mehro Wafaa song lyrics by Ghulam Ali official

Qissa E Mehro Wafaa is a song in Hindi

किस्सा-ए-महरो वफ़ा कब का पुराना हो गया
किस्सा-ए-महरो वफ़ा कब का पुराना हो गया
उनसे बिछड़े भी हमें अब तो ज़माना हो गया
किस्सा-ए-महरो वफ़ा कब का पुराना हो गया

रात के पिछले पहेर देखा था जिनको ख़्वाब में
रात के पिछले पहेर देखा था जिनको ख़्वाब में
ज़िंदगी भर अब उन्हें भुलाना हो गया
किस्सा-ए-महरो वफ़ा कब का पुराना हो गया

प्यार के दो बोल ही तो थे मेरे रुसवाई के
प्यार के दो बोल ही तो थे मेरे रुसवाई के
एक ज़रा सी बात का इतना फसाना हो गया
किस्सा-ए-महरो वफ़ा कब का पुराना हो गया

उनकी जुल्फों की घनेरी साँव क्या के फिर
उनकी जुल्फों की घनेरी साँव क्या के फिर
देखते फिर ही देखते मौसम सुहाना हो गया
किस्सा-ए-महरो वफ़ा कब का पुराना हो गया

जिस गली हिचकिचाते थे कभी जाते हुए
जिस गली हिचकिचाते थे कभी जाते हुए
उस गली में अब असांका आना जाना हो गया
किस्सा-ए-महरो वफ़ा कब का पुराना हो गया
उनसे बिछड़े भी हमें अब तो ज़माना हो गया
किस्सा-ए-महरो वफ़ा कब का पुराना हो गया
Lyrics copyright : legal lyrics licensed by Lyricfind.
No unauthorized reproduction of lyric.
Writers: GHULAM ALI, HASAN RIZVI, RAFIQUE HUSSAIN
Copyright: Royalty Network

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