song lyrics / मुस्तफ़ा ज़ाहिद / Gunaah lyrics  | FRen Français

Gunaah lyrics

Performer मुस्तफ़ा ज़ाहिद

Gunaah song lyrics by मुस्तफ़ा ज़ाहिद official

Gunaah is a song in Hindi

गुनाह किया दिल मैंने यार का तोड़ के
गुनाह किया उसे इक दिन तन्हाँ छोड़ के

गुनाह किया दिल मैंने यार का तोड़ के
गुनाह किया उसे इक दिन तन्हाँ छोड़ के
तू मिल ना पाये, हम जी ना पायें
कही मर ना जायें कैसी है, कैसी है बेबसी
दिल फिर से चाहे, तेरी ही पनाहें
कही मर ना जायें ज़िन्दगी
गुनाह किया दिल मैंने यार का तोड़ के

आँखें हैं नम, धड़कन मद्धम (नम) (मद्धम)
अब मान जा रूठे सनम सनम
साँसें चुभन, टूटा सा मन
और ना सता, ओ जानेमन (जानेमन)
तू मिल ना पाए, हम जी ना पायें
कही मर ना जायें कैसी है, कैसी है बेबसी
दिल फिर से चाहे, तेरी ही पनाहें
कही मर ना जायें ज़िन्दगी
गुनाह किया दिल मैंने यार का तोड़ के

ना रे ना ना रे ना रे धे रे ना
ना रे ना ना रे ना रे धे रे ना
ना ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना ना धे रे ना
ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना
ना रे धे रे ना ना ना ना ना

मेरा हर पल, अब तो बोझल
वीरान सा दिल ये हर दम
लाखों हैं गम, तन्हाँ हैं हम (तन्हाँ हैं हम)
कैसे सहें इतना सितम (इतना सितम)
तू मिल ना पाए, हम जी ना पायें
कही मर ना जायें कैसी है, कैसी है बेबसी
दिल फिर से चाहे, तेरी ही पनाहें
कही मर ना जायें ज़िन्दगी
गुनाह किया दिल मैंने यार का तोड़ के
गुनाह किया उसे इक दिन तन्हाँ छोड़ के
आ आ आ आ आ ला ल ला आ
गुनाह किया (किया) आ आ
गुनाह किया आ आ आ आ
Lyrics copyright : legal lyrics licensed by Lyricfind.
No unauthorized reproduction of lyric.
Writers: JEET GANGULY, SAYEED QUADRI
Copyright: Sony/ATV Music Publishing LLC

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